Saturday, January 12, 2008
हमारे अपने
हेलो mom कैसी हो ? dad से कहना उनका cheque जमा करवा दें बस अभी मेरा isd लग रहा है बाय ये हो गई है आज कल के बच्चों की भाषा अपने माता-पिता से बात करते समय माँ अब mom बन चुकी है तो पिताजी पापा से dad की उपाधि पा चुके हैं जिनके हाथों से निवाला खाया, जिन्हों ने विदेश की पढाई का अवसर प्रदान किया वो अब नौकरी लगने के बाद सिर्फ मुफ्त के नौकर बनकर रह गए हैं पहले के संयुक्त परिवारों मैं जहाँ सगे-सौतेले मैं कोई फर्क नहीं था वहीं अब वो बस cousins and relatives बनकर रह गए हैं रिश्ते तो बस नाम के रह गए हैं क्या हम फिर से पीछे लौटते हुए पशु प्रवृत्ति अपना रहे हैं जैसे पशु के बच्चे परिपक्व होने के बाद माता-पिता को भूलकर आगे बढ़ जाते हैं वैसे ही अब हमारा समाज होता जा रहा है क्या हमें इस दिशा मैं सोचने की ज़रूरत नहीं है? अगर आपको भी ऐसा ही लगता है तो आप इस गलती को सुधरने के लिए क्या करेंगे?
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